एक फिट महिला आत्म-आनंद में लिप्त होती है, अपनी उंगलियों से अपनी तंग बिल्ली की खोज करती है। वह फिटनेस की प्रशंसक है और उसका गदराया हुआ शरीर उसके समर्पण का एक वसीयतनामा है। अपनी आंतरिक फूहड़ को उजागर करते हुए, वह खुद को परमानंद में खिलौनों से भर देती है, जिससे कमरा भर जाता है।