जब सौतेली बेटी के हार्मोन जंगली हो जाते हैं, तो उसका सौतेला पिता विरोध नहीं कर पाता। उनकी वर्जित कोशिशें बढ़ती हैं, उनकी कराहें गूंजती हैं। वह उनके स्पर्श, उनकी वासना को उत्सुकता से खा जाती है, जिससे उनका जुनून विस्फोटक हो जाता है, जिससे वह तृप्त हो जाती है।