एक युवा टैटू वाली सहपाठी को एक सख्त दादाजी ने दुकान से सामान चुराते हुए पकड़ लिया। सजा के रूप में, उसे अपने छात्रावास में कपड़े उतारने और घुटने टेकने के लिए मजबूर किया जाता है, उसकी कठोर फटकार और स्याही वाली त्वचा की गहन जांच को सहन किया जाता है। घटनाओं के इस अप्रत्याशित मोड़ से उसके दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं, फिर भी वह अजीब तरह से उत्तेजित हो जाती है।