सुबह उठकर मैंने अपने रूममेट की पक्की गांड का स्वाद चखना चाहा.उसकी नींद भरी प्रतिक्रिया से मेरी वासना और भड़क गई.हम अपने छात्रावास के साथियों से बेखबर हो गए.हमारी साझा इच्छा ने एक जंगली, सामूहिक मुठभेड़ को भड़का दिया, जिसका समापन वासना के एक अविस्मरणीय दावत में हुआ.