एक गर्म माँ को आत्म-आनंद में लिप्त होते हुए देखें, उसकी उंगलियां उसकी धड़कती हुई भगनासा पर नाच रही हैं। वह अतृप्त है, केवल उसके स्पर्श से कहीं अधिक के लिए तरस रही है। एक भाग्यशाली लड़का उसमें कदम रखता है, उत्सुकता से उसे खा जाता है, उसकी बेतहाशा कल्पनाओं को पूरा करता है।