कल्पना की दुनिया में, हथकड़ी लगी लोमड़ी, ट्रेसी लेन, अपनी इच्छाओं के आगे झुक जाती है। वह अपनी जंजीरों को खोलने के लिए अपनी चाबी का उपयोग करती है, जिससे आनंद की एक धार खुल जाती है। उसकी आत्म-लगाई हुई सीमाएँ लुप्त हो जाती हैं, जिससे आत्म-भोग और मुक्ति का विस्फोटक चरमोत्कर्ष होता है।