एक उमस भरी लैटिना किरायेदार अपने मकान मालिक के बड़े सदस्य की कुशलतापूर्वक सेवा करते हुए एक गर्म मौखिक दावत में शामिल होती है। उनकी भावुक मुठभेड़ आनंद के एक जंगली, कच्चे आदान-प्रदान में बदल जाती है, जिससे उसकी वासना और परमानंद की अतृप्त भूख दिखाई देती है।